ovarian cyst

 ओवेरियन सिस्ट एक आम समस्या है, जो महिलाओं को अपने प्रसव के दौरान प्रभावित करती है. ये सिस्ट ओवुलेशन के समय ओवरी के अंदर विकसित होते हैं.



   ओवरीस ( Ovaries ) महिलाओं के प्रजनन तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं और इनकी बनावट में किसी भी प्रकार के बदलाव का सेहत पर नकारात्मक असर पड़ता है। इसमें कुछ महिलाओं के छोटी-छोटी पस से भरी गांठें हो जाती हैं जिन्हें "ओवेरियन सिस्ट " कहा जाता है


    महिलाओं में ओवेरियन सिस्ट होने पर उन्हें कई लक्षण दिखाई दे सकते हैं, इन लक्षणों में पेट में सूजन या अपच होना, पेट के बाएं या दाएं हिस्से में दर्द महसूस होना, सेक्स के दौरान दर्द होना, उल्टी या जी मिचलाना, कमर का आकार बढ़ना आदि लक्षण हो सकते हैं. इसके अतिरिक्त ओवेरियन सिस्ट होने पर कुछ महिलाओं में पीसीओ (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) के लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं. इसमें अनियमित माहवारी होना, मुहांसे आना या वजन बढ़ना आदि लक्षण दिखाई दे सकते हैं ।

इसके लिए तुरंत इलाज कराना जरूरी होता है 

एलोपैथिक ट्रीटमेंट में इसे निकालने के लिए लेप्रोस्कोपी सर्जरी अपनाई जाती है लेकिन यदि अंडाशय की गांठ बड़ी है तो इसके लिए लेप्रोटोमी सर्जरी की जाती है इस सर्जरी के माध्यम से पेट की नाभि के पास चीरा लगाकर इन गांठों को निकाला जाता है

  आयुर्वेदिक चिकित्सा में केवल दवाओं से सभी प्रकार की सिस्ट को आसानी से घोला जा सकता है और बिना किसी दिक्कत डेढ़ से 3 महीने में सभी प्रकार के सिस्ट खत्म हो जाती हैं इन दवाओं से  कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता, साथ ही मासिक धर्म अनियमित होना, पेट में सूजन व दर्द भी पूरी तरह ठीक हो जाते हैं।

 हमारे इलाज में शत प्रतिशत रिजल्ट्स मिले हैं

  

सिस्ट 4   मुख्य प्रकार के होते हैं:

1. पॉलिसिस्टिक ओवरी

2. एन्डोमीट्रीओसिस

3. सिस्टाडेनोमास

4. डर्माइड सिस्ट


   Side effects of OVARIAN CYST - 

   सभी प्रकार की  CYST  मासिक धर्म को प्रभावित करती हैं साथ ही गर्भावस्था के लिए भी खतरनाक है।  कुछ स्थितियों में ओवेरियन सिस्ट कैंसर भी पैदा कर  सकती है 



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